दिल्ली सरकार ने चुनाव आयोग पर दिल्ली के सात लाख वोटरों का नाम वोटर लिस्ट से हटाने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोलै है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को चिट्ठी के माध्यम से बताया है कि पिछले विधानसभा चुनावों के बाद से लेकर अब तक दिल्ली की वोटर लिस्ट से लाखों वोटरों के नाम जानबूझकर काट दिए गए हैं।
जिन लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं, उनमें से अधिकतर लोग अब भी वहीं रह रहे हैं। यही नहीं बल्कि अधिकतर मामलों में वोटर लिस्ट से नाम काटने की वैधानिक प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया है, जिससे नाम काटने के उद्देश्य पर संशय पैदा हो रहा है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे वोटर के मताधिकार की हत्या करार देते हुए सवाल किया कि क्या भाजपा अब इस तरह से चुनाव जीतना चाहती है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और मुलाकात का समय मांगा है।
मनीष सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री को लंबे समय से इस बारे में शिकायतें मिल रही थीं। जिस को लेकर उन्होंने सैंपल के तौर पर नौ मामलों की जांच कराई। जिनेमिन चुनाव कार्यालय के अधिकारियों ने भी माना कि गलती हुई है। उनका नाम दुबारा वोटर लिस्ट से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है।
अरविन्द केजरीवाल ने बताया कि वोटर लिस्ट जो नाम काटे गए हैं, उनमें से अधिकतर कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी के समर्थक हैं। और इसी के चलते उन्होंने आशंका जताई है कि कहीं चुनाव आयोग के ग्राउंड लेवल के अधिकारियों ने बीजेपी के इशारे पर तो ऐसा नहीं किया? जिससे कि वो लोग अगले चुनाव में वोट ही न दे सकें।
Lakhs of genuine voters deleted by EC machinery without following any procedures and without any verification. Sought urgent appointment from CEC. Urge him to meet us tomo. https://t.co/zdyJvoA72U
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 1, 2018
क्या इस तरह अमित शाह चुनाव जीतने की तैयारी कर रहे हैं? EVM और वोटर लिस्ट से छेड़छाड करके? https://t.co/zdyJvoA72U
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 1, 2018
वोटर लिस्ट से जितने भी लोगों के नाम काटे गए हैं, अरविन्द केजरीवाल ने उनकी समयबद्ध जांच कराने की मांग की है तथा इस मामले पर विस्तार से अपना पक्ष रखने और प्राप्त सबूतों को सौंपने के लिए चुनाव आयोग के चीफ इलेक्शन कमिश्नर ओ.पी. रावत से मिलने के लिए समय भी मांगा है।
मनीष सिसोदिया ने बताया कि अगर वोटर अपने पते पर नहीं रह रहा हो या फिर उसकी डेथ हो गई हो तभी उसका नाम वोटर लिस्ट से काटा जा सकता है।
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